लंका काण्ड दोहा 81
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चौपाई :सुर ब्रह्मादि सिद्ध मुनि नाना। देखत रन नभ चढ़े बिमाना॥हमहू उमा रहे तेहिं संगा। देखत राम चरित रन रंगा॥1॥ भावार्थ:- ब्रह्मा आदि देवता और अनेकों सिद्ध तथा मुनि विमानों पर चढ़े हुए आकाश से युद्ध देख रहे हैं। (शिवजी कहते हैं-) हे