लंका काण्ड दोहा 61
Filed under:
Lanka Kand
चौपाई :उहाँ राम लछिमनहि निहारी। बोले बचन मनुज अनुसारी॥अर्ध राति गइ कपि नहिं आयउ। राम उठाइ अनुज उर लायउ॥1॥ भावार्थ:- वहाँ लक्ष्मणजी को देखकर श्री रामजी साधारण मनुष्यों के अनुसार (समान) वचन बोले- आधी रात बीत चुकी है, हनुमान् नहीं