लंका काण्ड दोहा 53
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चौपाई :छतज नयन उर बाहु बिसाला। हिमगिरि निभ तनु कछु एक लाला॥इहाँ दसानन सुभट पठाए। नाना अस्त्र सस्त्र गहि धाए॥1॥ भावार्थ:- उनके लाल नेत्र हैं, चौड़ी छाती और विशाल भुजाएँ हैं। हिमाचल पर्वत के समान उज्ज्वल (गौरवर्ण) शरीर कुछ ललाई लि