लंका काण्ड दोहा 93
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चौपाई :दसमुख देखि सिरन्ह कै बाढ़ी। बिसरा मरन भई रिस गाढ़ी॥गर्जेउ मूढ़ महा अभिमानी। धायउ दसहु सरासन तानी॥1॥ भावार्थ:- सिरों की बाढ़ देखकर रावण को अपना मरण भूल गया और बड़ा गहरा क्रोध हुआ। वह महान् अभिमानी मूर्ख गरजा और दसों धनु