लंका काण्ड दोहा 121
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चौपाई :प्रभु हनुमंतहि कहा बुझाई। धरि बटु रूप अवधपुर जाई॥भरतहि कुसल हमारि सुनाएहु। समाचार लै तुम्ह चलि आएहु॥1॥भावार्थ:-तदनन्तर प्रभु ने हनुमान्जी को समझाकर कहा- तुम ब्रह्मचारी का रूप धरकर अवधपुरी को जाओ। भरत को हमारी कुशल सुनान