Mantra: श्री राम, जय राम, जय जय राम
राम नाम का मंत्र "श्री" से प्रारंभ होता है श्री को सीता अथवा शक्ति का प्रतीक माना जाता है। "राम" शब्द "रा" अर्थात कार और "म" मकार से मिलकर बना है। रा अग्नि का स्वरूप है यह हमारे दुष्कर्म का नाश करता है "म" जल तत्व का घोतक है जल आत्मा की जीवात्मा पर विजय का कारक है। इस प्रकार पूरे तारक मंत्र "श्री राम जय राम जय जय राम" का सार निकलता है की "शक्ति से परमात्मा पर विजय" योग शास्त्र में देखा जाए तो रा वर्ण को सौर ऊर्जा का कारक माना गया है। यह हमारी रीढ़ की हड्डी के दाई ओर स्थित पिंगला नाड़ी में स्थित है। यहां से शरीर में पुरुष ऊर्जा का संचार होता है। "म" वर्ण को चंद्र ऊर्जा का कारक अर्थात स्त्रीलिंग माना गया है। ये रीढ़ रज्जू के बाई और स्थित नाड़ी में प्रवाहित होता है।
राम नाम का जाप अपने घर में करवाने से बहुत से लाभ होते हैं "श्री राम, जय राम, जय जय राम" यह 7 शब्दों वाला एक मंत्र है। साधारण से दिखने वाले इस मंत्र में जो शक्ति छिपी हुई है इस का बखान कोई नहीं कर सकता। इस मंत्र का जाप बार-बार करने से दुखों का नाश होता है और मन को शांति मिलती है। राम धुन यानी कि राम के नाम का जाप कराने से बहुत से लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है जहां पर राम का जाप होता है वहां से लेकर जहां तक इस जाप की ध्वनि सुनाई देती है, वहां तक की धरती शुद्ध हो जाती है। वहां तक के रहने वाले पशु पक्षी और प्राणी भी शुद्ध हो जाते हैं। राम के नाम में बहुत शक्ति है यह मन को पवित्र करता है और आत्मा को शुद्ध करता है। मन में शांति लाता है। जिससे मन में अच्छे-अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं। राम नाम का जाप करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हर तरह के रोग और दोष दूर होते हैं। इसीलिए धार्मिक स्थलों पर समय समय में राम जाप या रामधुन का कार्यक्रम रखा जाता है। जिस में शामिल होकर भक्त राम के नाम का जाप करते हैं और पुण्य प्राप्त प्राप्त करते हैं। हमें ऐसे अवसरों पर अवश्य शामिल होना चाहिए। इसीलिए जब कभी आपका मन विचलित हो, आपका जी घबराए या आपको डर लगे तो "श्री राम जय राम जय जय राम" मंत्र का जाप जरूर कर लें और समय अनुसार अपने घर में या धार्मिक स्थलों में रामधन का कार्यक्रम करवाते रहें।
श्री राम, जय राम, जय जय राम
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