Mantra: ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥ प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥
वासुदेवनन्दन परमात्मा स्वरूपी भगवान श्रीकृष्णको वंदन है, उन गोविंदको पुनः नमन है, वे हमारे कष्टोंका नाश करें !
पहले मंत्र के लिए पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। स्नान पश्चात्य कुश के आसन पर बैठकर सुबह और शाम संध्या वंदन के समय उक्त मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र जीवन में किसी भी प्रकार के संकट को पास फटकने नहीं देगा।
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥ प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥
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