Mantra: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
हे! घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर वाले, करोड़ सूर्यों के सामान प्रतिभाशाली देव, हमेशा मेरे सारे कार्यों को बिना किसी रुकावट पूर्ण करने की कृपा करें।
पहला मंत्र है “गणेश मंत्र”। ऐसी मान्यता है कि धार्मिक कार्यों के आरम्भ में गणेश मंत्र का जाप किये बिना वह कार्य अधूरा ही रह जाता है। यह एक वैदिक मंत्र है जिसके कई फायदे हैं: किसी काम में आ रही बाधाओं को दूर करता है और सफलता की दिशा में आगे बढाता है शांति और शीतलता प्रदान करता है कार्य में तीक्ष्णता लाता है नकारात्मक विचारों के बुरे प्रभाव को समाप्त करता है
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
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